Turkey Syria Earthquake: 94 घंटे बाद मलबे से बाहर निकला युवक, बताया कैसे बचाई जान

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युवक को मलबे से सुरक्षित बाहर निकालते बचावकर्मी

तुर्किये/ अंकारा: 6 फरवरी को तुर्किये और सीरिया में आए भूकंप ने हजारो लोगों की जान ले ली, लाखों ज़िंदगियां तबाह हो गईं और ना जाने कितने लोग बेघर हो गए। घटना स्थलों पर राहत और बचाव का कार्य अभी भी जारी है, ऐसे में एक चौंका देने वाली खबर सामने आई है, 4 दिन बाद एक युवक को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला गया। ये ख़बर किसी चमत्कार से कम नहीं है, लगभग 94 घंटे तक मलबे में फंसे होने के बावजूद भी युवक जीवित रहा। ये उसके लिए बिल्कुल नई ज़िंदगी पाने जैसा है।

मौत को चकमा देकर बच निकला

इस भंयकर तबाही के बाद हर तरफ मलबे का ढ़ेर है, ऐसे में किसी के जिंदा होने की उम्मीद भी नहीं की जा सकती लेकिन 17 साल का युवक मौत को चकमा देकर बाहर निकल आया और बिल्कुल सुरक्षित है। अदनान मुहम्‍मद कोरकुत नाम का युवक जियानटेप प्रांत के सहितकामिल जिले का रहने वाला है। मलबे से बाहर आते ही अदनान ने कहा ‘मैं आपलोग का ही इंतजार कर रहा था, आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद।’ अदनान ने बताया कि जिंदा रहने के लिए मुझे खुद की पेशाब पीनी पड़ी।

गम में खुशी का माहौल

गुरूवार को जब अदनान को मलबे से बाहर निकाला गया तो, बचावकर्मीयों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इसका एक वीडियो भी सामने आया है। ये वीडियो तुर्किये के अजंसस्पोर नाम के एक ट्वीटर अकाउंट से किया गाय है। ये अकाउंट तुर्किये के एक खेल चमाचार चैलन का है। जिसमें अदनान बता रहें हैं कि उन्हें जिंदा रहने के लिए अपनी पेशाब पीनी पड़ी और भगवान की कृपा से मैं बच गया। इसके बाद अदनान से पुछा गया कि क्या आपने भीतर किसी और के फंसे होने की आवाज़ सुनी है? तो उन्होंने बताया कि वहां एक कुत्ता भी फंसा है। राहतकर्मीयों ने कहा हम उस कुत्ते को भी जरूर बचाएंगे।

एक हफ्ते से भी अधिक दिन मलबे में रह सकते हैं जिंदा?

विशेषज्ञों की मानें तो कोई व्यक्ति 7 दिन से भी अधिक मलबे में जीवित रह सकता है, लेकिन उसका जीवित रहना इस बात पर भी निर्भर करता है कि मलबे में दबे होने से ज्यादा चोट तो नहीं लगी और वहां का मौसम कैसा है इसके अलावा व्यक्ति मलबे के भीतर कैसी स्थिती में है। साच्‍यूसेट्स जनरल हॉस्पिटल के डॉक्‍टर जैरोन ली कहते हैं, आमतौर पर पांचवें से सांतवें दिन तक मलबे में जिंदा बचने की उम्‍मीद खत्‍म हो जाती है और तब तक राहतकर्मी भी बचाव का काम बंद कर देते हैं। हालांकि, ऐसा कई बार हुआ है कि 7 दिन के बाद भी लोग मलबे से जिंदा बाहर निकले हैं लेकिन ये किसी चमत्कार से कम नहीं है।