Jama Masjid Shamsi: देश में लगातार मस्जिदों-दरगाहों में मंदिर होने के दावे का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है. कुछ दिन पहले ही संभल में सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी. जिसका मामला थमा भी नहीं था कि उसके बाद अजमेर की दरगाह को लेकर भी मंदिर का दावा कर दिया गया. जिसको लेकर देश की सियासत गरमाई हुई है. और अब इस कड़ी में एक मामला और जुड़ गया है. ये मामला बदायूं का है जहां जामा मस्जिद में नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा किया गया है.
मामले की पोषणीयता पर होनी है सुनवाई
दरअसल, नीलकंठ महादेव मंदिर और जामा मस्जिद शम्सी (Jama Masjid Shamsi) मामले में स्पेशल डिवीजन कोर्ट में कल यानी कि 30 नवंबर को सुनवाई होनी है. कोर्ट में अखिल भारतीय हिंदू महासभा के संयोजक मुकेश पटेल द्वारा दायर किए गए मामले की पोषणीयता पर सुनवाई होनी है.
नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा
दायर वाद में वादी ने दावा किया है कि बदायूं की जामा मस्जिद शम्सी (Jama Masjid Shamsi) हिंदुओं का नीलकंठ महादेव मंदिर था. जिसको तोड़कर मस्जिद का रूप दिया गया है. इस मामले में लगातार तारीख पड़ रही है और कल यानी 30 नवंबर को तारीख नियत है.
बता दें कि, संभल की जामा मस्जिद में भी मंदिर होने का दावा किया गया था. जिसके बाद हिंसा का माहौल बन गया. वहीं, मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अहम निर्देश दिया है. सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि निचली अदालत इस मामले में कोई एक्शन न ले. हालांकि संभल में अब स्थिति सामान्य होने लगी है जिसको लेकर संभल में इंटरनेट की बहाली भी कर दी गई है.