बृभूषण को अब ये काम करने से पहले लेनी होगी कोर्ट से परमिशन, नहीं तो जाना पड़ सकता है जेल!

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नई दिल्ली: 6 महिला पहलवानों द्वारा दायर यौन उत्पीड़न मामले में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह को नियमित जमानत दी दी है। इस दौरान बृजभूषण भी कोर्ट में पेश रहे। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा कि न तो वह जमानत का विरोध और न ही उसका सपोर्ट कर रहे हैं।

कई शर्तों पर मिली जमानत

साथ ही कोर्ट ने कुश्ती महासंघ के सहायक सचिव विनोद तोमर सिंह को भी जमानत दे दी। कोर्ट ने दोनों को 25-25 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी है। साथ ही अदालत ने दोनों कई शर्तें के साथ जमानत दी है। कोर्ट की शर्ते हैं- आरोपी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शिकायतकर्ताओं या गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे। कोर्ट की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ सकेंगे।

आज दिल्ली पुलिस ने उनकी जमानत का “सही ढंग से” विरोध करने से इनकार कर दिया और इस मामले को न्यायाधीश पर छोड़ दिय। बता दें कि 15 जून को, दिल्ली पुलिस ने महिला पहलवानों की शिकायत पर बृज भूषण सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप पत्र दायर किया था।

दिल्ली पुलिस के कहने पर ही कोर्ट ने रखी जमानत पर शर्तें

वैसे तो ऐसे मामले में 5 साल या उससे ज्यादा की सजा का प्रावधान है और इस बात का डर बृभूषण के वकीलों को सता रहा है। तभी तो अंतरिम जमानत के दिन सुनवाई सुनवाई के दौरान बृजभूषण के वकीलों ने दलील दी थी और अपनी दलील में उन्होंने दिल्ली पुलिस आरोप लाए हैं कि कि दिल्ली पुलिस ने बिना जांच के चार्जशीट दायर की है।

मगर जब कोर्ट ने जमानत के बारे में पूछा तो दिल्ली पुलिस ने इस बारे में कहा कि बृजभूषण को गिरफ्तार नहीं किया गया है, लेकिन जमानत की शर्त होनी चाहिए। जिस पर कोर्ट ने रेगुलर के बजाय अंतरिम जमानत दी।