नई दिल्ली। खुद को मोदी का हनुमान बताने वाले केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के सुप्रीमो चिराग पासवान (Chirag Paswan) एनडीए गठबंधन से नाराज चल रहे हैं। इस कथन में कितनी सचाई है इसकी वास्तविकता तो खुद चिराग ही बता सकते हैं, लेकिन हाल फिलहाल के केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री ने जिस तरह के तेवर दिखाए हैं। उसके मायने कुछ ऐसे ही हैं।
Chirag Paswan के बयान जो चर्चा में हैं
दो दिन पहले झारखंड विधानसभा चुनाव में पार्टी के अकेले या गठबंधन में चुनाव लड़ने की सभी विकल्पों पर विचार-विमर्श करने की बात कहने वाले चिराग का एक और बयान चर्चा में है। राजधानी पटना के SK मेमोरियल हॉल में पार्टी के SC-ST प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं चाहे किसी भी गठबंधन में रहूं, किसी भी मंत्री पद पर रहूं, जिस दिन मुझे ऐसा अनुभव होगा कि संविधान और आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उसी समय मैं मंत्री पद को लात मार दूंगा। ठीक वैसे ही जैसे मेरे पिता ने एक मिनट में अपने मंत्री पद त्याग दिए थे, उसी तरह एक मिनट के भीतर में मंत्री पद त्याग दूंगा।
इन मुद्दों पर गठबंधन से अलग है राय
गौर करने वाली बात है कि चिराग पासवान एनडीए सरकार के तीसरे टर्म की शुरुआत से ही,सरकार में होते हुए भी अलग लाइन में दिख रहे हैं। एनडीए सरकार के निर्णयों जिसमें लेटरल एंट्री, कोटे के भीतर कोटा, सरकार के खिलाफ भारत बंद, जातिगत जनगणना और वक्फ बिल जैसे फैसलों पर अपनी अलग राय रख चूके हैं।
Chirag Paswan ने दिए 4 महीने में 4 झटके
देश में नई सरकर के गठन के चार महीने के भीतर केंद्रीय मंत्री Chirag Paswan ने एक के बाद एक झटके अपनी ही सरकार को दे दिए हैं। जिसके बाद पार्टी को लेकर सहयोगियों की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। आगामी दिनों में पार्टी खास कर चिराग पासवान के निर्णय आगमी झारखंड चुनाव और एनडीए सरकार के केंद्रीय नेतृत्व पर बड़ा प्रभाव डालेगी।
-गौतम कुमार