नाहन/हिमाचल प्रदेश: मणिपुर हिंसा का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोल रही है। वहीं मणिपुर हिंसा मामले में जिला मुख्यालय नाहन में विभिन्न संगठनों ने मिलकर रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान संगठनों ने मिलकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। मीडिया से बात करते हुए दलित शोषण मुक्ति मंच के संयोजक आशीष कुमार ने कहा कि, आज मणिपुर हिंसा मामले में विभिन्न संगठनों ने मिलकर उपायुक्त सिरमौर सुमित खिमटा के माध्यम से राष्ट्रपति को 8 सूत्रीय मांग पत्र भेजा जिसमें राष्ट्रपति से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गई।
RSS और BJP पर साधा निशाना
उन्होंने कहां कि, “इस घटना से आरएसएस और बीजेपी को छोड़कर पूरी दुनिया शर्मसार हो रही है। उन्होंने एक घटना को छुपाने के लिए दूसरी घटना को अंजाम देने के भी पॉलिटिकल पार्टियों पर आरोप लगाए। उनका कहना है कि राजनीतिक दलों को आगे आकर इस घटना का खंडन करना चाहिए।”
आशीष का कहना है कि “बीजेपी सरकार ने जानबूझकर मणिपुर में एक बाहुल समुदाय को जनजातीय दर्जा देकर इस तरह की स्थिति उत्पन्न की है और इसी तर्ज पर जिला सिरमौर में हाटी समुदाय को भी जनजातीय दर्जा दिया गया है जो कि आने वाले समय में घातक सिद्ध हो सकता है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस घटना पर कोई ठोस कदम उठाएं अन्यथा इसके परिणाम के लिए तैयार रहें।
लेखक: विशाल राणा