Gujarat news: आज हमारा देश टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काफी तरक्की कर रहा है। इस आधुनिक युग में हर चीज एडवांस होता जा रहा है, फिर चाहे वो अस्पताल से सम्बंधित फैसिलिटीज हो या ज्ञान का मंदिर कहे जाने वाला स्कूल। आज कई स्कूलों छात्रों के लिए डिजिटल स्टडी की सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है। गुजरात के एक छोटे से स्कूल में इसका बेहतरीन नमूना देखने को मिला है।
सरकारी स्कूल का नायाब प्रयोग
दरअसल, हम बात कर रहे हैं पालिताना के जावेरचंद मेघानी स्कूल की जहां शिक्षक ने बच्चों को पढ़ने के लिए डिजिटल बोर्ड दिया है। बता दें की सरकारी स्कूल के बच्चे पढ़ाई की सुविधा के मामलों में प्राइवेट स्कूल के बच्चो से पीछे रह जाते है, क्योकि सरकारी स्कूलों के पास बच्चों को देने के लिए सुविधाए नहीं होती है इसलिए सरकारी स्कूल में पड़ने वालो बच्चो को बिना सुविधाओं के ही पड़ना पड़ता है। वहीं पालिताना के जावेरचंद मेघानी स्कूल के शिक्षक श्री नाथाभाई ने स्कूल में पढ़ने वाले तीसरी कक्षा के 35 बच्चों को डिजिटल बोर्ड भेंट किए है।
क्या है डिजिटल बोर्ड के फायदे
श्री नाथाभाई के इस उच्च कदम से बच्चों को अब पड़ने में काफी आसानी होगी साथ ही सरकारी स्कूलों को बच्चों को अब बोर्ड, स्लेट और कैंची से नहीं बल्कि डिजिटल बोर्ड से पढ़ाया जाएगा। बता दें कि डिजिटल बोर्ड आंखों को नुकसान नहीं पहुंचाता है साथ ही अच्छी तरह से काम भी करते है व लिखावट को भी तुरंत मिटा सकता है।
इस उदार काम को करने पर शिक्षक श्री नाथा भाई का कहना है कि बोर्ड सरल और बच्चों को पसंद आने के कारण लेखन कौशल के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगा। बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने के लिए काफी प्रयास किए जाते हैं।
शिक्षक श्री नाथा भाई का कहना है कि एक बच्चा एक डिजिटल क्लिपबोर्ड से तीन पेड़ों को बचा सकता है, डिलीट बटन दबाकर क्लिपबोर्ड को साफ भी किया जा सकता है, जिससे समय की भी काफी बचत होती है। इस प्रकार की टेक्नोलॉजी को सीखने के लिए सरकार घर-घर जाकर कार्यशालाएं चलाती हैं, अब सरकारी स्कूलों में शिक्षक भी इनोवेटिव हो गए हैं और बच्चों को हर क्षेत्र में आगे रखने का प्रयास कर रहे है।