मणिपुर हिंसा पर जनवादी महिला समिति ने केंद्र को घेरा

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मंडी/हिमाचल प्रदेश: मणिपुर में फैली हिंसा पर जनवादी महिला समिति व नौजवान सभा ने केंद्र सरकार को घेरा है। शुक्रवार को सीटू के बैनर तले दोनों संगठनों ने धरना प्रदर्शन करते हुए इस हिंसा की निंदा की और उपायुक्त के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित कर मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की मांग उठाई है।

दोनों संगठनों ने केंद्र सरकार घेरते हुए कहा कि, आज जब मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई हिंसा का वीडियो वायरल हुआ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नींद टूटी। जबकि इससे पूर्व प्रधानमंत्री विदेशी दौरों व चुनावी रैलियों में व्यस्त रहे।

‘हिंसा की आड़ में हो रहा महिलाओं का शोषण’

इस मौके पर जनवादी महिला समिति की जिला अध्यक्ष वीना वैद्य ने कहा कि, मणिपुर में जातिगत की हिंसा की आड़ में महिलाओं का यौन शोषण किया जा रहा है। कुछ दिन पूर्व 2 महिलाओं को नग्न कर सड़को पर उनके शोषण के वीडियो ने मानवता को शर्मसार किया है।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका और फ्रांस घूमते रहे, चुनावी रैलियों को सम्बोधित करते रहे। लेकिन मणिपुर हिंसा पर उन्होंने कोई बात नहीं रखी।

राष्ट्रपति के दखल देने की उठी मांग

वीना वैद्य ने मणिपुर में जातिगत हिंसा की आड़ में हो रहे मानवाधिकारों के हनन पर राष्ट्रपति के सीधे दखल की मांग की है। साथ ही उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने व राज्य सरकार को बर्खास्त करने की मांग उठाई है।

वीना वैद्य ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि, जब भी किसी राज्य में इस प्रकार की हिंसा होती है तो वहाँ केंद्र सरकार को  सीधे तौर पर हस्तक्षेप करना चाहिए। जबकि केंद्र सरकार मणिपुर हिंसा को रोकने का कोई प्रयास नहीं कर रही है।

उन्होंने कहा कि दुराचारी और हिंसा करने वालों को सलाखों के पीछे डाला जाए। उन्होंने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने के साथ हिंसा व दुराचार करने वालों को सलाखों के पीछे डालने की मांग उठाई है।

रिपोर्ट- नितेश सैनी

मंडी, हिमाचल प्रदेश

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