हिमाचल प्रदेश के ऊपरी क्षेत्र में बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त

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रामपुर/हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश के ऊपरी क्षेत्र में भारी बरसात से जनजीवन पटरी से उतरने लगा है।  इस दौरान नुकसान का आंकड़ा भी दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।  ऐसे में शिमला जिले के रामपुर उपमंडल की कई पंचायतो में दर्जनों के हिसाब से घर ढह गए।  

लोगों के फलदार सेब के पौधे जमींदोश हो गए है। इसी तरह नरैण पंचायत और आस-पास भी लगातार हो रहे। भू-क्षरण से कई घर उजड़ गए है।

लोगों के घरों में घुस रहा पानी

लोगों की माने तो भू-क्षरण का एक बड़ा कारण सम्पर्क मार्गों पर लोक निर्माण विभाग की  ड्रेनेज और कलवट व्यवस्था सही न होना है।  जिस कारण वाहन मार्गों से पानी एकत्रित हो कर घरो और बाग  बागीचों में लगातार तेजी से जा रहा है और भू-क्षरण की स्थिति उत्पन्न  हुई है।

क्षेत्र की प्रभावित लोगों का कहना है कि नुकसान के बाद राहत  एवं बचाव कार्य करना तो  दूर की बात प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा सुध तक नहीं ली जा रही है। जिससे वे हताश और परेशान है।

ग्रामवासियों ने दी नुकसान की जानकारी

नरैण निवासी गुड्डू राम ने बताया कि, उनका मकान अधिक बरसात के कारण भू-क्षरण होने से  गिरने लग गया है।  इस नुकसान का मुख्य कारण सम्पर्क मार्गों पर ड्रेनेज और कलवट ना होने से पानी की निकासी सही नहीं हो रही है। सड़क का पानी  सीधे लोगों के घरो और बागीचो में जा रहा है। वे सरकार से मांग करते हैं कि  सभी प्रभावितों को उचित राहत राशि दे।

नरैण पंचायत के मकान खतरे में

नरैण पंचायत उप प्रधान अविनाश कायस्थ  ने बताया पूरे प्रदेश में लगातार बारिश का दौर चल रहा है।  क्षेत्र में भी  बारिश की वजह से काफी अधिक क्षति हुई है। उन्होंने बताया कि, उनके पंचायत में सेब के फलदार पौधे बह गए। पूरे पंचायत में करीब 15 मकान खतरे में आ चुके हैं और उनको सुरक्षित स्थान पर पंचायत ने शिफ्ट कर दिया है।

उन्होंने कहा  प्रशासन और सरकार जिस तरीके से प्रदेश के अन्य हिस्सों में राहत और बचाव कार्य में तेजी से काम कर रही है उसी हिसाब से उनके क्षेत्र में भी होना चाहिए। क्योंकि नुकसान यहां भी प्रदेश के अन्य हिस्सों से कम नहीं हुआ है।

रिपोर्ट- मीनाक्षी

रामपुर, हिमाचल प्रदेश