नई दिल्ली/न्यूज डेस्क: वैसे तो बच्चों को हर घर में बहुत ही प्यार से रखा जाता है, लेकिन कई पेरेंट्स अपने बच्चों पर बहुत ही सख्ती रखते है और कई परेंट्स अपने बच्चों के साथ दोस्तों की तरह पेश आते हैं। मगर ये बात आपको भी याद होगी कि आपने अपने माता पिता से कब डांट कई होगी। क्योंकि हम अपने बचपन की शरारतें और अपने माता पिता की डांट को कभी नहीं भूलते हैं। इसी मुद्दे पे आज हम आपको बताएंगे कि पेरेंट्स अपने बच्चों के साथ किस तरह पेश आएं…
पेरेंट्स ही बच्चों के दुश्मन!
आपने अक्सर देखा होगा कि, बच्चों को अनुशासन में रखने के लिए माता पिता सख्ती करते हैं। दरअसल कई माता पिता का मानना है कि बच्चों की सही परवरिश के लिए सख्त अनुशासन बेहद जरूरी है। हालांकि, जरूरत से ज्यादा सख्त अनुशासन और हर बात पर डांटने से बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है।
एक शोध के मुताबित ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता उन्हें सख्त अनुशासन में रखते हैं, उन्हें लंबे समय तक मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं होने की संभावना ज्यादा होती है। कैम्ब्रिज और डबलिन यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि जरूरत से ज्यादा सख्त रवैये की वजह से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक अर का खतरा होता है।
हालांकि, ये अध्ययन यह भी बताता है कि बच्चों के मेंटल हेल्थ पर पेरेंटिंग स्टाइल पूरी तरह से निर्भर नहीं करती है। हम आपको बताते हैं कि कैसे जरूरत से ज्यादा अनुशासन आपके बच्चे पर नकारात्मक असर डाल सकता है।
पेरेंट्स बदल लें अपनी ये आदत
अगर आप बच्चों से जुड़े फैसले लेते हैं तो सावधान हो जाइए। इस आदत को तुरंत बदल दीजिए। बच्चों के फैसले में बच्चों की राय जरूर लें। अगर बच्चों की राय नहीं लेगें तो इससे बच्चों इच्छा और भावना को पहचानने में दिक्कत होने लगती है और वो खुद पर आसानी से भरोसा नहीं कर पाते हैं।
बच्चों पर जरूरत से ज्यादा सख्ती की वजह से बच्चों के मानसिक विकास पर गहरा असर पड़ता है। ऐसे बच्चों में आत्म विश्वास की कमी देखने को मिलती है। वो खुद पर विश्वास ही नहीं कर पाते हैं। दूसरों पर उनकी निर्भरता बढ़ जाती है।
जिसकी वजह से वो अलग अलग परिस्थितियों में नहीं ढल पाते हैं और नई चिजों को अपनाने में हिचकिचाने लगते हैं। इसीलिए बच्चों पर जरूरत से ज्यादा सख्ती अगर आप करते हैं तो उससे बचिए। क्योंकि ऐसा करने से आपके बच्चे आपसे कहीं दूर न हो जाएं।
रिपोर्ट- अभिषेक विजय, डेस्क