संजय राउत ने चुनाव आयोग के फैसले को बताया 2000 करोड़ की सौदेबाजी, उद्धव जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

Published

चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और निशान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट के नाम कर दिया है। शिवसेना का चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम छिनने के बाद भाजपा और शिंदे गुट पर उद्धव गुट के हमले लगातार जारी हैं। अब उद्धव ठाकरे चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं। वहीं शिंदे गुट भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल करेगा।

चुनाव आयोग का फैसला सौदेबाजीः संजय राउत

उद्धव गुट के प्रमुख नेता संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी से नाम और निशान छीनने के लिए दो हजार करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। यह एक सौदेबाजी है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ये फैसला करेगी कि शिवसेना किसकी है और किसकी होगी।

संजय राउत के ट्वीट पर घमासान

संजय राउत ने इस बात का दवा करते हुए ट्वीट कर लिखा कि मुझे यकीन है, चुनाव चिन्ह और नाम हासिल करने के लिए अब तक 2000 करोड़ की सौदेबाजी और लेन-देन हो चुका है। यह प्रारंभिक आंकड़ा है और 100 फीसदी सच है।  जल्द ही कई बातों का खुलासा होगा, देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ था।  संजय राउत के इस ट्वीट के बाद पक्ष और विपक्ष दोनों ही एक दूसरे पर हालमवार दिखे, कोई ठाकरे को कंगना और पालघर साधुओं के साथ हुए अन्याय के लिए दोषी ठेहरा रहा है, तो कोई संजय राउत को घोटालेबाज कह रहा है।

विधायक के लिए 50 और सांसद खरीदने के लिए 100 करोड़

संजय राउत ने इलेक्शन कमीशन को घरते हुए कहा कि हमने पेगासस पर सवाल उठाये थे, लेकिन कोर्ट ने क्लीन चिट दे दी। इजराइल की कंपनी को जो ठेका दिया है, यह सबको पता है। ये EVM मशीन हैक करके चुनाव जीत रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट को हमारी इन बातों का भी  जवाब देना चाहिए। साथ ही एकनाथ सिंदे पर आरोप लगाते हुए कहा की जो गुट विधायक खरीदने के लिए 50 करोड़ सांसद खरीदने के लिए 100 करोड़ और पार्षद तक को खरीदने के लिए पैसे फेंक सकता है, तो आप अंदाजा लगाइए कि उसने पार्टी का चुनाव चिन्ह और नाम पाने के लिए कितने तक की बोली लगा सकता है।