बॉलीवुड में शख्सियत को कई स्टार को मिली। लेकिन उस शख्सियत को संभालना हर कोई नहीं संभाल पाया। हम आपको बॉलीवुड के कुछ ऐसे ही कांड के बारे में बताएंगे जिनको शायद ही आप जानते होंगे।
बॉलीवुड की दुनिया में एक समय था जब लोग राजेश खन्ना को भगवान की तरह पूजते थे। राजेश खन्ना ने साल 1969 से लेकर 1972 के बीच बैक टू बैक 15 सुपरहिट फिल्में दी थी। राजेश खन्ना की पहली फिल्म ‘आखिरी खत’ थी जो साल 1966 में हाई थी।
लेकिन “आराधना” एक सुपरहिट फिल्म बन गई और राजेश रातोंरात सुपरस्टार बन गए और यहीं से ही सफलता उनके सिर पर हावी हो गई। इस फिल्म के साथ ही राजेश खन्ना को इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के पहले सुपरस्टार का खिताब हासिल हुआ था।
राजेश खन्ना सुपरस्टार तो बन गए, लेकिन काका सुपरस्टारडम को संभालने में असफल रहे। क्योंकि राजेश वास्तव में खुद को सब का भगवान मानने लगे थे। उस वक्त तक राजेश खन्ना को टक्कर देने वाला कोई और बॉलीवुड इंडस्ट्री में नहीं था।
अंजू महेन्द्रू को चिढ़ाने के लिए डिंपल कपाड़िया से की थी शादी
राजेश के बुरे व्यवहार का पहला शिकार उनकी पहली प्रेमिका अंजू महेन्द्रू थी। राजेश ने अंजू को छोड़ दिया और डिंपल कपाड़िया से शादी कर ली। राजेश अंजू को तड़पाने चाहते थे, इसलिए उन्होंने अपनी बारात अंजू के घर के आगे से निकाली।
राजेश के करीबी लोग उन्हें बताते रहे कि वह “सबसे बड़े सुपरस्टार” हैं। वह अपने बंगले आशीर्वाद में एक नियमित दरबार लगाते थे, जिसमें निर्माता मोहन कुमार और जॉनी बख्शी, लेखक वीके शर्मा और खलनायक रूपेश कुमार जैसे कुछ खास लोग मौजूद रहते थे।
क्या थी बुरी आदतें?
अहंकार से भरपूर राजेश फिल्म सेट पर देर से पहुंचते थे। राजेश के साथ काम करना निर्देशकों के लिए एक बड़ी चुनौती थी क्योंकि राजेश अपने सह-अभिनेताओं के साथ कठोरता से पेश आते थे।
अमिताभ बच्चन ने तोड़ा राजेश खन्ना का घमंड
चार साल के स्टारडम के बाद ही राजेश के घमंड को एक युवा अभिनेता अमिताभ बच्चन ने जमीन पर ला पटका। अमिताभ एक एंग्री-यंग-मैन थे जो तुरंत लोगों को भा गए थे। अमिताभ बहुत ही पेशेवर, विनम्र और हमेशा निर्माता और निर्देशकों के लिए उपलब्ध रहने वाले अभिनेता बने। जैसे ही अमिताभ ज्यादा फिल्मों में नजर आए, लोग राजेश खन्ना को भूल गए।
इन बुरी आदतों की वजह से परिवार ने छोड़ा अकेला
बॉलीबुड में जब राजेश को काम नहीं मिला तो राजेश ने हारकर आपने आपको घर में बंद कर लिया और घर से बाहर जाना बंद कर दिया। राजेश अपनी इस पराजय को स्वीकार नहीं कर पाए और उन्होंने शराब पीना शुरू कर दिया। उनकी पत्नी, बेटी और परिवार के सदस्यों ने उन्हें अकेला छोड़ दिया। बुढ़ापे के दौरान राजेश के साथ केवल एक व्यक्ति मौजूद था, अभिनेत्री अनीता आडवाणी। जब राजेश का निधन हुआ, तब उनके साथ केवल अनीता मौजूद थीं।
राजेश ने सब कुछ कमाया क्योंकि वह एक अद्भुत कलाकार थे, लेकिन सब कुछ खो दिया क्योंकि एक व्यक्ति के रूप में वह गलत हो चुके थे।