Supreme Court Hearing Bulldozer Action: देशभर में चर्चा का विषय बने बुलडोजर एक्शन मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा, सिर्फ आरोपी होने के आधार पर किसी के घर को गिराना ठीक नहीं है। अगर कोई शख्स दोषी भी है तो भी उसके घर को गिराया नहीं जा सकता है। यूपी सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, जिनके खिलाफ कार्रवाई हुई है, वे अवैध कब्जे या निर्माण के कारण निशाने पर लिए गए हैं, न कि अपराध के आरोप की वजह से। सुप्रीम कोर्ट ने उदयपुर में चाकू मारने के आरोपी बच्चे के पिता के घर पर बुलडोजर की कार्रवाई पर पर कहा, “एक पिता का बेटा अड़ियल हो सकता है, लेकिन अगर इसके लिए उसका घर गिरा दिया जाए। तो ऐसा करने का यह तरीका सही नहीं है।”
17 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान संबंधित पक्षों से सुझाव देने को कहा ताकि शीर्ष अदालत अचल संपत्तियों के विध्वंस से संबंधित मुद्दे पर अखिल भारतीय आधार पर उचित दिशानिर्देश जारी कर सके। बता दें, अब मामले में 17 सितंबर को अगली सुनवाई होगी।
जमीयत उलेमा ए हिन्द ने दाखिल की याचिका
बता दें, जमीयत उलेमा ए हिन्द ने सरकारों द्वारा आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने पर रोक लगाने की मांग की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की। याचिका में यूपी, मध्यप्रदेश और राजस्थान में हाल में हुई बुलडोजर कार्रवाइयों का जिक्र किया गया है। याचिका में ‘बुलडोजर जस्टिस’ की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से शीघ्र सुनवाई की अपील की गई थी।