भारत का वह राज्य जहां 15 अगस्त को नहीं बल्कि इस दिन मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस

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नई दिल्ली/डेस्क: भारत में स्वतंत्रता दिवस का उत्सव हर साल 15 अगस्त को बड़े उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है। इस दिन देशभक्ति भावना सभी को जुटाकर मिलकर देश की आजादी की महत्वपूर्ण यादें ताजगी से याद कराई जाती है। हम सभी कई तरह की कार्यक्रमों, समारोहों और रैलियों के जरिए अपने देश के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं और आजादी की महानता को समझते हैं।

लेकिन भारत के कुछ क्षेत्रों में ऐसा दृश्य देखने को मिलता है, जहाँ स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मनाने की परम्परा नहीं होती है। इसके कुछ कारण हो सकते हैं, जैसे स्थानीय विवादों, सामाजिक असमानता, और आर्थिक स्थितियों की वजह से उत्सव की आयोजन संभव नहीं होता।

ऐसे क्षेत्रों में स्वतंत्रता दिवस की यादें तो लोग अपने मन में समेटते हैं, लेकिन उन्हें इन यादों को सार्वजनिक रूप से मनाने का अवसर नहीं मिल पाता है। इसके बजाय, वे अपने दैनिक जीवन के कामों में जुटे रहते हैं और स्वतंत्रता संग्राम के महानता को अपने आत्मविश्वास के साथ याद करते हैं।

इस दिन मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस

पहले तो आप इस बात पर विश्वास नहीं कर पाएंगे, लेकिन देखिए, यह एकमात्र ऐसा राज्य है जहां आप सबसे पहले अपने दोस्तों के साथ जाने का प्लान बनाते हैं, जी हां, यह गोवा है।

देखिए, गोवा 1961 तक पुर्तगालियों का गुलाम था और 19 दिसंबर 1961 को इसे आजादी मिली, इसलिए यहां स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को नहीं बल्कि 19 दिसंबर को मनाया जाता है।

गोवा की आज़ादी की कहानी

गोवा की स्वतंत्रता की कहानी 1961 में पुर्तगाल से मुक्ति पाने की है। पुर्तगाल ने पश्चिमी घाट क्षेत्रों में गोवा, दमान और दीव द्वीपों को अपने आधिकार में रखा था। गोवा की जनता ने दशकों तक पुर्तगाली शासन के खिलाफ आवाज नहीं उठाई थी, लेकिन समय के साथ उनकी इच्छा स्वतंत्रता पाने की बढ़ती थी।

1961 में, भारत सरकार ने गोवा की स्वतंत्रता के लिए एक सैन्य अभियान आरंभ किया, जिसमें भारतीय सेना ने गोवा पर हमला किया। इसके परिणामस्वरूप, पुर्तगाल सेना ने गोवा के समर्पण की घोषणा की और गोवा ने भारतीय संघर्ष के परिणामस्वरूप स्वतंत्रता प्राप्त की।

भारतीयता की भावना की प्रतीक्षा

यदि किसी क्षेत्र में स्वतंत्रता दिवस का आयोजन नहीं होता है, तो वहाँ के लोगों के दिल में भारतीयता की भावना तो होती है, लेकिन उन्हें उस आदर्श को साकार रूप में देखने का अवसर नहीं मिल पाता है।

स्वतंत्रता दिवस को मनाने का उद्देश्य यह है कि हम सभी एक साथ एकजुट होकर देश के महान वीरों को समर्पित हों और उनकी कुर्बानियों को याद करें। यह दिन हमें आत्मनिर्भरता, गर्व और साहस की भावना से भर देता है।

अतः, चाहे किसी क्षेत्र में स्वतंत्रता दिवस का आयोजन न हो, हमें अपने मन में स्वतंत्रता के प्रति भावना को जगाए रखना चाहिए और देश के वीरों के प्रति हमारी कृतज्ञता का संकेत देना चाहिए।

लेखक: करन शर्मा