दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा महाद्वीप-अफ्रीका दो हिस्सों में बंटने वाला है ? जानिए

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नई दिल्ली/डेस्क: रिपोर्ट्स में कहा गया है कि दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा महाद्वीप-अफ्रीका दो हिस्सों में बंटने वाला है और इसकी शुरुआत होने भी लगी है, ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि रेड सी से मोजाम्बिक के बीच पूर्वी अफ्रीकी दरार फैलती जा रही है, जानकारी के लिए हम आपको बता दें, कि ये दरार 3500 किलोमीटर लंबी है.

साइंटिस्ट काफी साल पहले अफ्रीका महाद्वीप के एक बड़े हिस्से के टूटने की भविष्यवाणी कर चुके हैं, अब सवाल ये उठता है कि क्या वाकई अफ्रीका महाद्वीप दो हिस्सों में टूट जाएगा? इसका जवाब जानने के लिए टेक्टोनिक प्लेट्स, धरती की बहारी सतह के बारे में जानते है.

अफ्रिका महाद्वीप में जो हो रहा है इसे समझने के लिए हमें धरती के डिजाइन को समझना होगा, दरअसल, धरती का लिथोस्फियर कई टेक्टोनिक प्लेटों में बंटा होता है, ये प्लेट्स अलग-अलग स्पीड से आगे बढ़ती जाती हैं, लिथोस्फियर के नीचे एस्थेनोस्फियर होता है और ये प्लेट्स एस्थेनोस्फियर के ऊपर सरकती रहती हैं, एस्थेनोस्फियर के बहाव और प्लेटों की बाउंड्री से पैदा हुए फोर्स इन्हें डायनैमिक बनाते हैं, ये डायनैमिक फोर्स टेक्टोनिक प्लेट्स को कभी-कभी तोड़ भी देती हैं, इससे धरती में दरार पैदा होती है.

अगर आसान शब्दों में समझें, तो धरती बड़ी-बड़ी टैक्टोनिक प्लेट्स पर स्थित है, इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है, ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं. टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्‍यादा दबाव पड़ने पर ये प्‍लेट्स टूटने लगती हैं, जिससे दरार बन जाती है.

जैसे-जैसे यह दरार फैलती जाएगी, समुद्र का पानी इसमें भर जाएगा, इससे एक नया समुद्र बनेगा, जो सोमालियाई प्लेट को दूर धकेल देगा, इस तरह सोमालिया और साउथ इथोपिया अलग हो जाएंगे, फिर अफ्रीका बहुत छोटा हो जाएगा. लेकिन अभी इसकी कोई सम्पूर्ण जानकारी नहीं है.