Protest In Bangladesh: अमेरिका, पाकिस्तान, यूके समेत तख्तापलट पर क्या बोली दुनिया?

Published
bangladesh crisis
bangladesh crisis

Bangladesh News: बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद, देश ने एक महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव देखा है। हफ्तों की हिंसक प्रदर्शनों के बाद, शेख हसीना ने सत्ता से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर भाग गईं। हालिया घटनाओं ने बांग्लादेश को अपने 15 साल के शासन के सबसे गंभीर संकट का सामना कराया है। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी नौकरियों में कोटा के खिलाफ विरोध किया, जिसके परिणामस्वरूप सैकड़ों लोग मारे गए और कई शहरों में हिंसा भड़की।

शेख हसीना का इस्तीफा और उसके बाद का तख्तापलट एक महत्वपूर्ण मोड़ है। सोमवार को जब हजारों प्रदर्शनकारियों ने उनके सरकारी कार्यालयों को घेर लिया, तो हसीना ने हेलीकॉप्टर के माध्यम से देश से बाहर जाने का निर्णय लिया। वर्तमान में, वह भारत में हैं और भविष्य में लंदन जाने की संभावना जताई जा रही है।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं

  • ब्रिटेन: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के प्रवक्ता ने बांग्लादेश में हाल की हिंसा पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन लोकतंत्र की बहाली और लोगों की सुरक्षा की दिशा में त्वरित कार्रवाई की उम्मीद करता है। शांतिपूर्वक विरोध के अधिकार की रक्षा की जानी चाहिए और सभी शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को रिहा करने का आह्वान किया गया है।
  • अमेरिका: अमेरिकी विदेश विभाग ने बांग्लादेश की सेना की संयम की सराहना की है और अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा का स्वागत किया है। व्हाइट हाउस ने लोकतांत्रिक अधिकारों के सम्मान की अपील की है और आग्रह किया है कि अंतरिम सरकार का गठन लोकतांत्रिक और समावेशी हो।
  • यूरोपीय संघ: यूरोपीय संघ ने बांग्लादेश में लोकतांत्रिक शासन के लिए व्यवस्थित और शांतिपूर्वक परिवर्तन की आवश्यकता पर जोर दिया है। जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने भी लोकतांत्रिक पथ पर आगे बढ़ने की आवश्यकता की बात की है।

यूके में बांग्लादेशियों की प्रतिक्रिया

यूके में बांग्लादेशियों ने तख्तापलट की खबरों पर खुशी जताई है। व्हाइटचैपल में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी लोग सड़कों पर उतरे और जश्न मनाया। उन्होंने हाथों में अपने देश का झंडा लहराते हुए ‘बांग्लादेश-बांग्लादेश’ के नारे लगाए। कई लोगों ने इसे बांग्लादेश के लिए दूसरी आजादी की तरह माना, जबकि अन्य ने इसे निरंकुश शासन के अंत के रूप में देखा।

अब बांग्लादेश के सामने एक महत्वपूर्ण चुनौती है – एक स्थिर और लोकतांत्रिक शासन की स्थापना करना। अंतरिम सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि देश में लोकतंत्र, मानवाधिकार, और सुरक्षा की स्थिति को बहाल किया जाए। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस स्थिति को लेकर सतर्कता और सहयोग की पेशकश की है, जिससे उम्मीद है कि बांग्लादेश एक नए, बेहतर और अधिक स्थिर भविष्य की दिशा में बढ़ेगा।