नई दिल्ली: आज राजस्थान के शेखावटी में पीएम मोदी दौरे पर हैं, लेकिन उनके इस दौरे पर विवाद हो गया। वैसे तो राजनीति में आए दिन ऐसे विवाद होते रहते हैं। मगर पीएम के दौरे पर ऐसा विवाद अपने आप में कुछ सवाल खड़े करता है। क्योंकि सोशल मीडियो पर देश के दो बड़े नेताओं का इस तरह सवाल-जवाब और दोनों के संदेशों में स्वागत, अभिवादन और निमंत्रण का तरीका बहुत कुछ वयां करता नजर आ रहा है।
पीएम राजस्थान में आज 12 मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण कर रहे हैं। जो राज्य और केंद्र सरकार की भागीदारी से बनेंगे। इन कॉलेज को बनने में करीब 4 हजार लाख से अधिक की लागत आएगी। जिसमें से 2,213 करोड़ रुपये केंद्र और 1,476 करोड़ रुपये राज्य सरकार देगी।
ऐसा नहीं हो सकता है कि किसी राज्य में संयुक्त प्रोजेक्ट का लोकार्पण हो रहा हो और उस कार्यक्रम में प्रेदेश के सीएम को न बुलाया जाए। मगर सीएम अशोक गहलोत की बातों से ऐसा लगा की उन्हें कार्यक्रम का निमंत्रण तो मिला पर कार्यक्रम में मुख्य स्थान नहीं मिला। जैसा कि उन्हेंने अपने ट्वीट में कहा।
सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट में लिखा कि-माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी,आज आप राजस्थान पधार रहे हैं। आपके कार्यालय PMO ने मेरा पूर्व निर्धारित 3 मिनट का संबोधन कार्यक्रम से हटा दिया है इसलिए मैं आपका भाषण के माध्यम से स्वागत नहीं कर सकूंगा अतः मैं इस ट्वीट के माध्यम से आपका राजस्थान में तहेदिल से स्वागत करता हूं।
आज हो रहे 12 मेडिकल कॉलेजों के लोकार्पण और शिलान्यास राजस्थान सरकार व केन्द्र की भागीदारी का परिणाम है। इन मेडिकल कॉलेजों की परियोजना लागत 3,689 करोड़ रुपये है जिसमें 2,213 करोड़ केन्द्र का और 1,476 करोड़ राज्य सरकार का अंशदान है। मैं राज्य सरकार की ओर से भी सभी को बधाई देता हूं।
अशोक गहलोत ने रखी अपनी मांगे
मैं इस कार्यक्रम में अपने भाषण के माध्यम से जो मांग रखता वो इस ट्वीट के माध्यम से रख रहा हूं। आशा करता हूं 6 महीने में की जा रही इस सातवीं यात्रा के दौरान आप इन्हें पूरी करेंगे-
- राजस्थान खासकर शेखावटी के युवाओं की मांग पर अग्निवीर स्कीम को वापस लेकर सेना में परमानेंट भर्ती पूर्ववत जारी रखी जाए।
- राज्य सरकार ने अपने अंतर्गत आने वाले सभी को-ऑपरेटिव बैंकों से 21 लाख किसानों के 15,000 करोड़ रुपये के कर्जमाफ किए हैं। हमने केन्द्र सरकार को राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्जमाफ करने के लिए वन टाइम सैटलमेंट का प्रस्ताव भेजा है जिसमें किसानों का हिस्सा हम देंगे। इस मांग को पूरा किया जाए।
- राजस्थान विधानसभा ने जातिगत जनगणना के लिए संकल्प पारित कर भेजा है। केन्द्र सरकार इस पर अविलंब निर्णय ले।
- NMC की गाइडलाइंस के कारण हमारे तीन जिलों में खोले जा रहे मेडिकल कॉलेजों में केन्द्र सरकार से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल रही है। ये पूरी तरह स्टेट फंडिंग से बन रहे हैं। इन आदिवासी बाहुल्य तीनों जिलों के मेडिकल कॉलेजों में भी केन्द्र सरकार 60% की फंडिंग दे।
- पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा दिया जाए।
मेरा आपसे निवेदन है कि आप इन मांगों पर आज सकारात्मक रुख अपनाकर प्रदेश वादियों को आश्वस्त करें।
अशोक गहलोत के ट्वीट पर पीएमओ का जवाब
वहीं, सीएम अशोक गहलोत के ट्वीट के जवाब में पीएमो इंडिया की ओर से जवाब में लिखा गया है कि- “श्री @ashokgehlot51 जी, प्रोटोकॉल के अनुसार, आपको विधिवत आमंत्रित किया गया है और आपका भाषण भी निर्धारित किया गया है। लेकिन, आपके कार्यालय ने कहा कि आप शामिल नहीं हो पाएंगे। पिछली यात्राओं में भी आपको हमेशा आमंत्रित किया गया है और आपने अपनी उपस्थिति से उन कार्यक्रमों की शोभा बढ़ाई है। आज के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आपका हार्दिक स्वागत है। विकास कार्यों की पट्टिका पर भी आपका नाम खूब है। जब तक आपको हाल ही में लगी चोट के कारण कोई शारीरिक परेशानी न हो, आपकी उपस्थिति को बहुत महत्व दिया जाएगा।”
वहीं, अशोक गहलोत के आरोपों पर पीएमओ ने तत्काल जवाब देते हुए लिखा- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आमंत्रित थे और उनको संबोधित करने का वक़्त भी मिला था, लेकिन उनके दफ़्तर ने कहा कि मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में शामिल होने में असमर्थ हैं। अशोक गहलोत ने पीएमओ को फिर से जवाब देते हुए कहा कि, पीएमओ को तथ्य पता नहीं हैं। हमारे दफ़्तर ने पीएमओ को सूचित किया था कि पैर में चोट लगने के कारण वह वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए कार्यक्रम में शामिल होंगे।
गहलोत ने कहा, ”भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय से भेजे गए प्रस्तावित मिनट टू मिनट कार्यक्रम में मेरा संबोधन रखा गया था. कल रात को मुझे पुन: अवगत करवाया गया कि मेरा संबोधन नहीं होगा. मेरे कार्यालय ने भारत सरकार को अवगत करवाया था कि डॉक्टर्स की राय के अनुसार, पैर में लगी चोट के कारण मैं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कार्यक्रम में शामिल रहूंगा और मेरे मंत्रिगण कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे।”
दोनों नेताओं के ट्वीट और उनके जवाब से तो ये ही लता है कि इस पूरे मामले में कहीं न कहीं दोनों के कार्यलयों से ही गलती हुई है। लेकिन पीएमओ से ये गलती जानबूझकर की है या फिर इसमें भी कोई राजनीति है। बहरहाल सोशल मीडिया पर कुछ अलग तरीके की ही प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। तो दूसरी ओर पीएम के कार्यक्रम में सीएम अशोक गहलोत को न बुलाना राजस्थान की राजनीति पर बीजेपी का सीधा हमला हो सकता है।