नई दिल्ली: कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले मामले में मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal को शर्तों के साथ सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। मुख्यमंत्री ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी।
इसलिए मिली मुख्यमंत्री को जमानत
अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए मुख्यमंत्री द्वारा दायर याचिका को लेकर हुई सुनवाई में शीर्ष अदालत के जजों की आपसी राय भिन्न -भिन्न रही। मुख्यमंत्री के गिरफ्तारी मामले में सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए, जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ‘ फैसले के लिए हमने तीन सवाल तय किए थे। जिसके जवाब में हमने मुख्यमंत्री को जमानत दी है ।
जमानत के लिए निर्धारित वो तीन सवाल?
मुख्यमंत्री की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित सवाल के जवाब मुख्य थे। यही तीन सवाल मुख्यमंत्री की जमानत पर अंतिम मुहर लगाने वाले थे। ये हैं वो तीन सवाल…
- क्या गिरफ्तारी में कोई अवैधानिकता थी?
- क्या अपीलकर्ता को नियमित जमानत दी जानी चाहिए?
- क्या आरोप पत्र दाखिल करना परिस्थितियों में इतना बदलाव है कि उसे ट्रायल कोर्ट में भेजा जा सके?
जमानत याचिका पर क्या थी जस्टिस सूर्यकांत की राय?
मुख्यमंत्री की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जजों की राय भिन्न थी। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि, “CBI ने धारा 41 का पालन नहीं किया, हम अपीलकर्ता की इस दलील से सहमत नहीं हैं।”
हालांकि, उन्होंने कहा कि आरोप कानूनी तौर पर सही हैं और लंबे समय तक जेल में रहना आजादी के लिए समस्या है। चूंकि अदालत स्वतंत्रता की ओर झुकी होती है इसलिए मुख्यमंत्री को शर्त के साथ जमानत दी गई है। मामले को लेकर जस्टिस भुइंया ने सीबीआई पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि वो ED मामले में कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही थी। 22 महीने में सीबीआई को गिरफ्तारी की जरूरत नहीं पड़ी। यह सीबीआई की कारवाई पर सवाल उठाता है।
– गौतम कुमार