नई दिल्ली। देश की शीर्ष अदालत ने आज(13 सितंबर) ताजमहल समेत कई ऐतिहासिक स्मारकों को विश्व धरोहर घोषित करने की मांग खारिज कर दी। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि इसमें ऐसा कुछ नहीं है जिसके आधार पर ऐसा फैसला लिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फैसले से शहर को कोई विशेष लाभ नहीं होगा।
कोर्ट ने याचिककर्ता से पूछे याचिका की वजह
कोर्ट ने याचिकर्ता के याचिका पर सवाल करते हुए कहा कि उन्हें यह साबित करना होगा कि विश्व विरासत स्थल घोषणा का प्रावधान कहाँ है? ज्ञात हो कि मामले शीर्ष अदालत के जस्टिस अभय एस ओका और जज ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि किसी शहर को विश्व विरासत स्थल कैसे घोषित किया जा सकता हैं?
इस फैसले से कोई लाभ नहीं होगा : sc
मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच मे ताजमहल और उसके आस पास के क्षेत्रों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए दायर जनहित याचिका पर अर्जी को भी खारिज कर दिया। पीठ ने कहा कि याचिका में ऐसा कुछ नहीं है। जिससे यह साबित हो सके कि फैसले के बाद शहर को विशेष लाभ मिले। इसलिए हम ऐसी घोषणा की अनुमति नहीं दे सकते। कोर्ट ने याचिककर्ता के यह भी पूछा की विरासत शहर का दर्जा मिलने से शहर को क्या फायदा होगा। इसके लिए क्या कनूनी तौर पर क्या प्रावधान हैं?
-गौतम कुमार