गोविंद देव गिरी महाराज का अयोध्या, ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि को लेकर बड़ा बयान

Published

नई दिल्ली/डेस्क: गोविंद देव गिरि महाराज का कहना है कि अगर समझदारी और प्यार के साथ हमें ये तीनों मंदिर (अयोध्या, ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि) शांति से मिल जाते हैं, तो पुरानी सारी बातें भुला दी जाएंगी. उन्होंने कहा कि हर जगह अलग-अलग हालात हैं, ऐसे में लोगों को समझाने का प्रयास किया जाएगा और किसी भी तरह से अशांति का निर्माण नहीं होने देंगे.

रविवार को पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान गोविंद देव गिरि महाराज से जब सवाल किया गया कि बाकी मस्जिद तो मंदिर पर बनाए गए हैं, इस पर उन्होंने कहा कि हर बात कही नहीं जा सकती है. कहीं-कहीं समझदार लोग हैं और कहीं-कहीं नहीं हैं. जहां जिस प्रकार की परिस्थिति होगी, उसी अनुसार काम करेंगे. हम किसी भी प्रकार की अशांति नहीं चाहते हैं. गोविंद देव गिरि ने ज्ञानवापी पर कहा कि मुस्लिमों से हाथ जोड़कर अपील करता हूं, अयोध्या, ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि हिंदुओं को सौंप देना चाहिए.

ये सभी आक्रांताओं द्वारा तोड़े गए थे. हमारे ऊपर ये सबसे बड़े दाग हैं. इसके कारण लोगों को दुख है, अगर वे इस दुख को भाईचारे के साथ खत्म कर देते हैं, तो भाईचार बढ़ाने में मदद मिलेगी.

हाल ही में वाराणसी की कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने का अधिकार दिया था. जिस पर मुस्लिम समुदाय ने ऐतराज जताते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था. मुस्लिम पक्ष ने इस आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. हालांकि हाई कोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए पूजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.

लेखक: इमरान अंसारी