NDA और INDIA की बैठक के बाद अलग-थलग पड़ी मायावती , बोलीं अकेले लड़ेंगे चुनाव  

Published
बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती
बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती

नई दिल्ली/डेस्क: बीएसपी सुप्रीमो मायावती भारतीय राजनीति में फिर से अपना वजूद तलाशने में जुट गई हैं। कांशीराम के सिद्धांतों को आगे बढ़ाने और दलित और पिछड़ों की नब्ज को पकड़कर समाज में अलग पहचान बनाने वाली मायावती ने एक बार फिर अपनी पहचान बनाने के लिए हुंकार भर ली है।

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले देश में ध्रुवीकरण का दौर चल रहा है और मायावती को दोनों तरफ से न्योता नहीं मिला, ऐसे में मायावती ने अकेले चुनाव लड़ने का दावा कर दिया। बीएसपी सुप्रीमो मायावती एक समय देश की कद्दावर नेता के तौर पर जानी जाती थीं।

लेकिन इस वक्त वो हाशिए पर चल रही हैं। उत्तर प्रदेश में चार बार मुख्यमंत्री रही मायावती देश की राजनीति की माहिर नेता के तौर पर जानी जाती हैं, लेकिन हाल के दिनों में मायावती की साख को बट्टा लगा है। क्योंकि, वो कभी अपने अड़ियल रूख तो कभी साथी के गच्चा देने की वजह से अपनी पहचान खोती दिखीं।

1984 में मायावती की बहुजन समाज पार्टी राष्ट्रीय पार्टी बनी, लेकिन लगातार पार्टी में टूट और साथियों के छोड़ने से इसका वजूद घटता गया।

मायावती ने 2024 के लिए भरी हुंकार

हाल के दिनों में मायावती देश की राजनीति में बिल्कुल अलग-थलग पड़ गई हैं। इनकी पार्टी का जनाधार घटता जा रहा है। फिलहाल मायावती की पार्टी के 10 लोकसभा सांसद हैं। सारे सांसद यूपी से हैं, लेकिन यूपी विधानसभा में लगातार हार और राजस्थान में बीएसपी विधायकों ने जीत के बाद पाला बदलकर मायावती का साथ छोड़ा और बीएसपी को करारा झटका दिया।

ऐसे में मायावती का जनाधार खिसकता चला गया। पंजाब में मायावती ने शिरोमणि अकाली दल के साथ एलायंस किया, लेकिन पार्टी को कोई खास फायदा नहीं हुआ क्योंकि आम आदमी पार्टी की आंधी में सभी दलों के तंबू उखड़ गए और इस आंधी में बड़े-बड़े सूरमा चित हो गए।

वहीं, अगर मायावती के हौंसले की बता करें, तोअसफलता के दौर में मायावती कमजोर होती चली गई, लेकिन कभी हार नहीं मानी और मायावती ने विपक्ष और सत्तापक्ष के उदासीन रवैया को देखकर एक बार फिर नए सिरे से पार्टी को सजोने और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए हुंकार भर दी है।

मायावती ने कहा कि वो 2024 के रण में अकेले अपने बूते पर चुनाव लड़ेंगी। बीएसपी सुप्रीमों के इस ऐलान के बाद अब ये तय माना जा रहा है कि 2024 की लड़ाई को मायावती दो पक्षीय नहीं त्रिकोणीय करने के मूड में हैं।  

मायावती का NDA और I-N-D-I-A पर तंज

बेंगलुरु में  I-N-D-I-A और दिल्ली में NDA की बैठक के बाद मायावती ने देश के अंकगणित को परखा इसलिए उन्होंने इन बैठकों पर जवाब देते हुए कहा कि, “लोकसभा चुनाव का समय अब बेहद नज़दीक है। सत्ताधारी गठबंधन और विपक्षी गठबंधन की बैठकों का दौर चल रहा है, लिहाजा हमारी पार्टी भी पीछे नहीं है।

एक तरफ NDA अपनी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने की दलीलें दे रही है, तो दूसरी तरफ विपक्षी एलायंस केंद्र की मोदी सरकार को मात देने के लिए काम कर रही है और इसमें बहुजन समाज पार्टी भी पीछे नहीं है।

 BSP ने  दोनों एलायंस से क्यों बनाई दूरी?

बीएसपी सुप्रीमो मायावती अपनी बेबाक अंदाज के लिए जानी जाती हैं। भले उन्हें दोनों एलायंस ने उन्हें अपने लायक नहीं समझा, लेकिन मायावती ने कहा , “कांग्रेस पार्टी अपने जैसी जातिवादी और पूंजीवादी सोच रखने वाली पार्टी के साथ गठबंधन करके फिर से सत्ता में आने की सोच रख रही है, साथ ही NDA फिर से सत्ता में आने का दावा ठोक रही है।

लेकिन इनकी कार्यशैली यही बताती है कि इनकी नीति और सोच करीब-करीब एक जैसी ही रही है। यही वजह है कि बहुजन समाज पार्टी ने इनसे दूरी बनाई है। मायावती ने कहा कि, “हम अकेले चुनाव लड़ेंगे. हम राजस्थान, मध्य प्रदेश,
छत्तीसगढ़, तेलंगाना में अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे और हरियाणा, पंजाब और अन्य राज्यों में हम राज्य के क्षेत्रीय दलों के साथ चुनाव लड़ सकते हैं।”

रिपोर्ट- भानु प्रकाश, डेस्क

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *