जर्जर भवन में चल रहा नाहन का CMO कार्यालय, दवाई के साथ दस्तावेज हो रहे खराब

Published

नाहन/हिमाचल प्रदेश: रियासत काल में बने सीएमओ कार्यालय का भवन इन दिनों जर्जर हालत में है।  भवन को साल 2017 में असुरक्षित घोषित किया गया है। बावजूद इसके यहां स्वास्थ्य विभाग के दर्जनों कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे है।

भवन की स्थिति को लेकर विशेषज्ञों ने इसे साल 2017 में रहने के लिए असुरक्षित भी घोषित कर दिया था लेकिन भवन की कमी के चलते ही फिलहाल इसी भवन में सीएमओ कार्यालय चलाया जा रहा है।

जर्जर हो चुकी है भवन की हालत

भवन की हालत जर्जर हो चली है। जगह-जगह भवन में दरारें साफ दिखाई दे रही हैं हल्की बरसात में ही भवन टपकने लगता है भवन के बरामदे में रखी दवाइयों का स्टॉक बरसात में खराब हो चला है।

उधर  सीएमओ सिरमौर डॉक्टर अजय पाठक ने बताया कि  भवन को सालों पहले असुरक्षित घोषित किया गया था कार्यालय को नए सिरे से बनाने के लिए कार्य किया जा रहा हैं। स्था

नीय विधायक द्वारा भी सीएमओ कार्यालय के निर्माण को विधायक प्राथमिकता में डाला गया है भवन का नक्शा बनाकर तैयार हो गया है जैसे ही सीएमओ कार्यालय को शिफ्ट करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कोई अन्य भवन उपलब्ध करवाया जाता है वैसे ही यहां नए भवन बनाने के कार्य को शुरू किया जाएगा।

दरअसल दशकों पहले बने सीएमओ कार्यालय का भवन वर्तमान की स्थिति को देखकर छोटा पड़ रहा है वहीं भवन की स्थिति भी ठीक नहीं है।

भवन की दीवारों में दरारें पड़ चुकी है, छत की टीने निकलने लगी है। भवन के भीतर लकड़ी से बने पार्टीशन भी खराब हो चुके हैं। भवन की ऐसी दुर्दशा में अधिकारियों और कर्मचारियों को काम करने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

इसके अलावा जिले के लिए आने वाली दवाइयों की खेप को भी भवन की कमी के कारण बरामदे में रखना पड़ता है। जिस कारण दवाइयों के खराब होने का भी खतरा बना रहता है।

रिपोर्ट- धन गुरु रामदास

नाहन, हिमाचल प्रदेश