नई दिल्ली/डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लाल किले से अपने दूसरे कार्यकाल के अंतिम भाषण में देश को कई महत्वपूर्ण संदेश दिए। उन्होंने अपने डेढ़ घंटे के भाषण में विपक्ष पर वार करते हुए तीन बुराइयों के बारे में बात की और उनके द्वारा दी गई तीन गारंटियों का भी जिक्र किया।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उनके भाषण से कई संदेश सामने आए, जो देश के विकास और समृद्धि के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
प्रधानमंत्री ने भाषण में मणिपुर की हिंसा की ओर दिलचस्पी दिखाई और उसकी शांति की खबरों का जिक्र किया। विपक्ष के दावों के खिलाफ उन्होंने संकेत दिया कि वे मुद्दे से भागने का आरोप नहीं स्वीकारते हैं।
मोदी ने तीन बुराइयों – भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण के बारे में भी बात की। उन्होंने भ्रष्टाचार के दुष्प्रभाव और परिवारवाद की नकारात्मकता को उजागर किया। तुष्टीकरण के माध्यम से सामाजिक न्याय के प्रति उनकी चिंता भी दिखाई दी।
उन्होंने दूसरे कार्यकाल के अंतिम भाषण में कई नई योजनाओं का ऐलान किया जिनमें ओबीसी समुदाय को ध्यान में रखकर विकास की दिशा में कदम उठाने की बात की गई।
उन्होंने विश्व सामर्थ्य में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को भी बताया और आगामी जी-20 सम्मेलन के महत्व का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने यह साबित करने का प्रयास किया कि भारत ने विश्व में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है और उन्होंने चीन और पाकिस्तान के बारे में किसी भी संवाद में सहमति नहीं दी।
पीएम ने अपने कार्यकाल के कार्यों की जांच पर भी बात की और देश के विकास में हुई सफलताओं का जिक्र किया। उन्होंने स्थानीय निकायों के विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा की गई निवेशों के बारे में बताया और उनके द्वारा की गई स्कीमों के परिणामों को प्रस्तुत किया।
प्रधानमंत्री ने भविष्य में फिर से सत्ता में आने का जिक्र किया और आने वाले पांच सालों को “स्वर्णिम पल” कहकर चिह्नित किया। वे देश के विकास में मजबूत सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में भी बात करते हैं।
उन्होंने आजादी के 76 साल के सेलिब्रेशन के समापन के साथ आगामी 2047 के लक्ष्य का भी ऐलान किया, जिसमें देश आजादी के 100 साल पूरे करने की दिशा में कदम उठाएगा।
मोदी ने इस भाषण के माध्यम से विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करके देश की योजनाओं, सफलताओं और विकास की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता को प्रकट किया। वे देश को सशक्त, समृद्ध और उन्नत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और आगामी समय में भी नेतृत्व का काम करेंगे।
लेखक: करन शर्मा