जयपुर। चुनावी साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजस्थान के सीकर दौरे से पहले सियासत गरमा गई है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पूर्व निर्धारित 3 मिनट के भाषण को संबोधन कार्यक्रम से हटा दिया. जिसको लेकर खुद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि संबोधन कार्यक्रम से मेरा नाम हटाने के चलते मैं आपका स्वागत नहीं कर पाऊंगा. इसलिए मैं इस ट्वीट के माध्यम से आपका स्वागत कर रहा हूं.
उन्होंने राजस्थान की धरा पर प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए शेखावटी के लोगों के लिए कई मांगे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की. उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से लिखा कि आज हो रहे 12 मेडिकल कॉलेजों के लोकार्पण और शिलान्यास राजस्थान सरकार व केन्द्र की भागीदारी का परिणाम है. इन मेडिकल कॉलेजों की परियोजना लागत 3,689 करोड़ रुपये है जिसमें 2,213 करोड़ केन्द्र का और 1,476 करोड़ राज्य सरकार का अंशदान है.
राजस्थान खासकर शेखावटी के युवाओं की मांग पर अग्निवीर स्कीम को वापस लेकर सेना में परमानेंट भर्ती पूर्ववत जारी रखी जाए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने अंतर्गत आने वाले सभी को-ऑपरेटिव बैंकों से 21 लाख किसानों के 15,000 करोड़ रुपये के कर्जमाफ किए हैं. हमने केन्द्र सरकार को राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्जमाफ करने के लिए वन टाइम सैटलमेंट का प्रस्ताव भेजा है. जिसमें किसानों का हिस्सा हम देंगे. इस मांग को पूरा किया जाए.
उन्होंने कहा कि राजस्थान विधानसभा ने जातिगत जनगणना के लिए संकल्प पारित कर भेजा है. केन्द्र सरकार इस पर अविलंब निर्णय ले. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि NMC की गाइडलाइंस के कारण हमारे तीन जिलों में खोले जा रहे मेडिकल कॉलेजों में केन्द्र सरकार से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल रही है. ये पूरी तरह स्टेट फंडिंग से बन रहे हैं. इन आदिवासी बाहुल्य तीनों जिलों के मेडिकल कॉलेजों में भी केन्द्र सरकार 60% की फंडिंग दें.
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