नई दिल्ली/डेस्क: बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने 2024 के लिए एकेडमिक कैलेंडर जारी किया है, जिसमें रामनवमी, शिवरात्रि, जन्माष्टमी, रक्षाबंधन जैसे त्योहारों पर स्कूलों की छुट्टियां रद्द की गई हैं। मकर संक्रांति, तीज, विश्वकर्मा पूजा, और जिउतिया जैसे अन्य त्योहारों की छुट्टीयां भी रद्द की गई हैं। इसके अलावा, ईद और बकरीद पर तीन-तीन दिन का आवकाश दिया गया है।
नए एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार, गर्मी की छुट्टियां सिर्फ छात्रों को होंगी, जबकि शिक्षक, प्रधानाध्यापक, और अन्य कर्मियों को स्कूल आना होगा और उन्हें आवश्यक कार्य पूरा करना होगा।
बिहार के स्कूलों के नए एकेडमिक कैलेंडर के बाद बवाल शुरू हो गया है। साल 2024 के लिए जारी छुट्टियों की इस नई लिस्ट में कई हिंदू त्योहारों पर अवकाश में कटौती की है। इसमें रक्षाबंधन, महाशिवरात्रि, जन्माष्टमी, मकर संक्रांति, तीज, विश्वकर्मा पूजा, और जिउतिया पर छुट्टी को रद्द किया गया है, जबकि ईद, मुहर्रम, और बकरीद की छुट्टी बढ़ाई गई है।
बिहार सरकार द्वारा जारी नई छुट्टियों को लेकर सियासी विवाद तेज हो गया है। बीजेपी के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, सुशील मोदी, अश्विनी चौबे ने सरकार की इस नीति को मुस्लिम तुष्टिकरण बताया है और इसे ‘इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ बिहार’ कहा है। उनका कहना है कि हिन्दू पर्वों पर छुट्टियां रद्द करने से भविष्य में ये नेता ‘मोहम्मद नीतीश’ और ‘मोहम्मद लालू’ के नाम से जाने जाएंगे।
लेखक: करन शर्मा