Rajasthan: वसुंधरा राजे की ताकत के आगे झुकी RSS और BJP

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Vasundhara Raje
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नई दिल्ली/डेस्क: फिर से लौटूंगी महफिल में, अंदाज तो वही होगा लेकिन किरदार बदल चुका होगा, कुछ ऐसे ही अंदाज में वसुंधरा राजे आपको बहुत जल्द दिखने वाली हैं। खुद बीजेपी और आरएसएस की उन्हें CM न बनाने की हर मुमकिन कोशिश करने के बाद भी वसुंधरा राजे ही राजस्थान की अगली CM होगी। जहां उनके विरोधी उन्हें हारता देख खुश हो रहे थे, वही वसुंधरा राजे ने आखिरी गेंद पर अपनी जीत का छक्का लगा कर अपने ही विरोधियों के साथ खेला कर दिया है.

आज वसुंधरा राजे को खुद PM मोदी भी चाहे तो नही रोक सकते। क्योंकि 199 में से 65 बीजेपी प्रत्याशी वसुंधरा राजे के कट्टर समर्थक है। ऐसे में बीजेपी और आरएसएस इतनी बड़ी संख्या में विधायकों की अनदेखी कैसे कर सकते है? ऐसे में न चाहकर भी बड़े बड़े दिग्गजों को वसुंधरा राजे की ताकत के आगे झुकने ही पड़ेगा। इन सब के अलावा वसुंधरा राजे ने भी इस बार सिर्फ अपने समर्थकों के विधानसभा क्षेत्र में ही प्रचार किया है। बता दें, तिजारा सेबीजेपी प्रत्याशी महंत बालकनाथ और बहरोड़ से जसंवत यादव वसुंधरा राजेकी पैरवी कर चुके हैं।

आरएसएस की मंशा पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव औऱ दीया कुमारी पर दांव खेलने की थी। लेकिन वसुंधरा राजे के दमदार चेहरे के सामने कोई नहीं टिक पाया। घुमा फिराकर बात वसुंधरा राजे पर आकर ही समाप्त हो गई है। सियासी जानकारों का कहना है कि वसुंधरा राजे को सीएम फेस घोषित नहीं करने की पीछे रणनीति आरएसएस की ही थी। लेकिन पिछले 6 महीने के दौरान वसुंधरा राजे ने जबर्दस्त वापसी की है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार भी रिवाज नहीं बल्कि राज ही बदलेगा। यानी हर पांच साल बाद सत्ता परिवर्तन का ट्रेंड ही बरकरार रहेगा।

लेखक: करन शर्मा