नई दिल्ली: संसद में मानसून सत्र के दौरान विपक्षी गठबंधन की ओर से मोदी सरकार पर अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। इस प्रस्ताव पर सदन में तीन दिन में 18 घंटे तक चर्चा की जाएगी और इसके बाद वोटिंग होगी। खबर है कि 10 अगस्त को पीएम मोदी इस पर जवाब दे सकते हैं।
गौरव गोगोई और नामा नागेश्वर राव ने दिया अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस
मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और तेलंगाना की सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति के नामा नागेश्वर राव ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। अगर देखा जाए तो नंबर गेम के हिसाब से सरकार को अभीतक कोई खतरा नहीं है। यह दूसरी बार है जब पीएम मोदी की सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रही है। पिछले कार्यकाल में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी, जिसके खिलाफ 330 वोट पड़े थे।
“बेटे को सेट करना है और दामाद को भेंट करना है”- निशिकांत दुबे
सदन में अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे विपक्षी खेमे पर जमकर बरसे। सांसद निशिकांत ने कहा- ये अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। ये क्यों लाया गया है? इसका जवाब देते हुए निशिकांत ने सोनिया गांधी पर जमकर हमला बोला। दुबे ने कहा कि, “मैं सोनिया जी (गांधी) का बड़ा सम्मान करता हूं, लेकिन सोनिया जी और उनकी पार्टी की दो मनोस्थिति हैं। सोनिया जी (गांधी) यहां बैठी हैं। मुझे लगता है कि उन्हें दो काम करने होंगे- बेटे को सेट करना है और दामाद को भेंट करना है। यही इस प्रस्ताव का आधार है”
क्या होता है अविश्वास प्रस्ताव?
मौजूदा सरकार को खिलाफ किसी मुद्दे पर विपक्ष की नाराजगी होगी है, तो कोई भी लोकसभा सांसद नोटिस लेकर आ सकता है। नोटिस को स्वीकार करना न करना लोकसभा स्पीकर के हाथ में होता है। यदि इस नोटिस को लोकसभा स्पीकर स्वीकार कर लेता है तो उस मुद्दे पर चर्चा के लिए 50 सांसदों का समर्थन जरूरी होता है और चर्चा के बाद वोटिंग होती है। जैसे इस बार मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष नाराज है और वह लगातार सदन में प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहा है। सरकार को घेरने के लिए वह अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है।