नई दिल्ली: भारत, अपनी ऐतिहासिक महत्वपूर्णता के लिए विख्यात रहा है। इसके इतिहास में कई ऐसी रोचक घटनाएं हुईं हैं, जो हमें आश्चर्यचकित कर देती हैं। एक ऐसी घटना है जब एक दिन के लिए, एक जिले ने देश की राजधानी का दर्जा प्राप्त किया था, और वह जिला था इलाहाबाद।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में जाना जाने वाला प्रयागराज, पूर्व में इलाहाबाद नाम से प्रसिद्ध था। भारतीय इतिहास के 1858 साल में एक दिन के लिए इस जिले को देश की राजधानी बना दिया गया था, जिससे इस जिले ने इतिहास के पन्नों में चमकता हुआ स्थान प्राप्त किया।
अंग्रेजों ने बनाया इलाहाबाद को भारत की राजधानी
इलाहाबाद को दिन भर के लिए राजधानी बनाने का यह निर्णय उत्तर-पश्चिम प्रांत की राजधानी बनाने के विचार से लिया गया था। वह समय भारतीय इंडिया कंपनी द्वारा अंग्रेजी सरकार को भारत के प्रशासन का संचालन सौंपने का था, और इस अवसर पर इलाहाबाद को एक दिन के लिए राजधानी घोषित किया गया था।
अंग्रेजों ने स्थापित किए कई महत्वपूर्ण संस्थान
इस दौरान अंग्रेजों ने इलाहाबाद में कई महत्वपूर्ण संस्थान स्थापित किए। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की स्थापना हुई और इलाहाबाद हाईकोर्ट का निर्माण किया गया। इसके अलावा, इलाहाबाद के यमुना नदी के किनारे बने अकबर के किले में भारतीय सेना का कार्य चल रहा था।
इलाहाबाद के बाद कोलकाता और नई दिल्ली बनी नई राजधानी
ताज़ा परिचय के तहत, इलाहाबाद की एक दिन की राजधानी बनाई गई थी, लेकिन इस घटना के बाद, 12 दिसंबर 1912 को कोलकाता को भारत की राजधानी घोषित किया गया और दिल्ली दरबार के दौरान नई दिल्ली को भारत की नई राजधानी घोषित किया गया था। उस समय से लेकर नई दिल्ली ने भारत की राजधानी के तौर पर अपनी पहचान बना ली है।
इलाहाबाद की इस रोचक घटना के बारे में जानकर शायद आपको इसकी खूबसूरत विरासत का आनंद मिलेगा।
नई दिल्ली
रिपोर्ट: करन शर्मा