लद्दाख: लद्दाख को पूर्ण राज्य और संविधान की छठी सूची में इसे शामिल करने के लिए पिछले कई महीनों से पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सात अप्रैल को लद्दाख के चांगथांग क्षेत्र में पश्मीना मार्च निकालने से दो दिन पहले लेह में धारा 144 लगाई गई है। बाते दें कि सोनम वांगचुक की 21 दिनों की भूख हड़ताल 27 मार्च को समाप्त हुई थी।
लेह जिले की डीएम संतोष सुखदेव ने जिले में शांति और व्यवस्था के संभावित उल्लंघन की संभावना को ध्यान में रखते हुए एक आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार, जिले में शांति और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीआरपीसी 1973 की धारा 144 का प्रावधान किया गया है।
इस आदेश के तहत, बिना पूर्व लिखित मंजूरी के जुलूस, रैलियां या मार्च के आयोजन पर रोक लगाई गई है। इसके अलावा, लाउडस्पीकरों के उपयोग के लिए पूर्वानुमति की आवश्यकता होगी। अतिरिक्त आदेश के अनुसार, सार्वजनिक समारोहों पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया गया है।
आदेश में व्यक्त किया गया है कि सभी व्यक्तियों को आदर्श आचार संहिता का पालन करना होगा और सभी गतिविधियां कानून के अनुसार होंगी। किसी भी उल्लंघन के मामले में, भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
बात दें कि शुक्रवार को जारी इस आदेश के बाद वांगचुक एक बार फिर लेह में अनशन स्थल पर पहुंचे हैं। यहां से सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा कि प्रशासन की तरफ से आंदोलनकारियों को डराने की कोशिश की जा रही है।