नई दिल्ली/डेस्क: हिन्दू धर्म में शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए सही दिशा का महत्व बताया गया है। यह कहा जाता है कि दिशा से ही दशा तय होती है। इसी तरह रक्षाबंधन के मौके पर भाई के लिए राखी बांधते समय सही दिशा का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण होता है।
दिशा क्यों महत्वपूर्ण है?
इस बार रक्षाबंधन 30 और 31 अगस्त को मनाया जाएगा। 30 अगस्त को भद्रा का साया होने के कारण रात 9 बजे के बाद का मुहूर्त शुभ माना गया है। इसलिए, अगर रात्रि में राखी बांधने की सोच रहे हैं, तो आपको दिशा का विशेष ध्यान देना चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सर्योदय के बाद शुभ कार्य की दिशा और सूर्यास्त के बाद तिलक करने की दिशा अलग-अलग होती है। इस विचार के आधार पर, अगर आप गलत दिशा में मुख करके राखी बांधते हैं, तो इसका भाई के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है।
कौन सी दिशा उचित है?
यह बात सत्य है कि उचित मुहूर्त, सही दिशा, और विधि का पालन करके ही राखी बांधने से भाई के स्वास्थ्य और सौभाग्य पर प्रकारांतरण हो सकता है।
राखी बांधते समय ध्यान देने योग्य बातें इस प्रकार हैं: सही विधि, मुहूर्त, और दिशा की पालन करें। राखी बांधते समय बहन का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए, जबकि भाई का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। अगर आप रात्रि में राखी बांध रही हैं, तो भाई का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए।
कल या परसों कब है राखी का त्योहार?
इसके अलावा, ध्यान देने योग्य है कि रक्षाबंधन के अवसर पर राखी बांधने का सही समय होता है, जिसे ज्योतिष के अनुसार निर्धारित किया जाता है। इस वर्ष, सावन पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन मनाया जा रहा है और उसके लिए 30 अगस्त को रात 9 बजे के बाद से 31 अगस्त की सुबह 7 बजे तक ही मुहूर्त शुभ माना जा रहा है।
इस विशेष मौके पर, सही दिशा के साथ सही मुहूर्त में राखी बांधकर भाई-बहन के बंधन को और भी शुभ और मांगलिक बना सकते हैं।
लेखक: करन शर्मा